नेट निष्पक्षता या नेट नुट्रिलिटी की यह आवश्यकता है की इंटरनेट का बुनियादी ढांचा खुला और मुक्त रहना चहिये, और नेटवर्क प्रदाता हर एक जानकारी, अनुप्रयोग, और सेवा को, बिना कोई भेद-भाव किये, बिल्कुल सामान तौर पर प्रदान करें । इस विचार के अंतर्गत इंटरनेट नेटवर्क प्रोवाइडर और डेटा जो इस नेटवर्क के थ्रू फ्लो होता है दोनों अलग अलग एंटिटी है और किसी भी हाल में नेटवर्क प्रोवाइडर को ये अधिकार नहीं होना चाहिए की वो अपने नेटवर्क में डेटा फ्लो को कंट्रोल करें।
नेट निष्पक्षता या नेट नुट्रिलिटी के नियमों के तहत ब्रॉ़डबैंड इंटरनेट एक्सेस लगभग उसी तरह की सार्वजनिक सेवा की श्रेणी में आ जाएगी, जैसे कि बिजली और पानी। इंटरनेट सर्विस प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी वेबसाइटों, वेब सेवाओं आदि को एक ही रफ्तार से उपभोक्ता तक पहुँचाया जाए। वे किसी खास वेबसाइट को एक्सेस करने की रफ्तार तेज और दूसरी की धीमी नहीं कर सकेगे। इसे यूँ समझिए- फ़ेसबुक, जिसके पास धन की कोई कमी नहीं है, एअरटेल (Airtel) और बीएसएनएल (BSNL) जैसे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को एक खास फीस का भुगतान करके यह सुनिश्चित कर सकता है कि हमारे कंप्यूटरों और स्मार्टफोनों पर फेसबुक एकदम जल्दी खुल जाए। लेकिन यह दूसरी वेबसाइटों के साथ ज्यादती है जो इस तरह की फीस का भुगतान नहीं कर सकतीं। धन या दूसरे कारणों के चलते इस तरह का भेदभाव नेट न्यूट्रैलिटी की नीति के तहत बंद हो जाएगा। यानी सबके लिए समान रफ्तार।
अमेरिका में नेट निष्पक्षता या नेट न्यूट्रैलिटी
अमेरिका के संघीय संचार आयोग ने आखिरकार नेट न्यूट्रैलिटी (सबके लिए समान इंटरनेट) नामक नियमों को मंजूरी दे दी है, जिन्हें लागू कराने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा कृत संकल्प थे। प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के भारी विरोध के बावजूद आखिरकार अमेरिका में नेट न्यूट्रैलिटी संबंधी नियम लागू होने जा रहे हैं जो इंटरनेट एक्सेस में किसी भी तरह का भेदभाव दूर करने पर केंद्रित हैं।
भारत में नेट निष्पक्षता यानेट न्यूट्रैलिटी
भारत में नेट निष्पक्षता नेट नुट्रिलिटी खतरे में है। इसलिए शुद्ध तटस्थता या नेट निष्पक्षता या नेट नुट्रिलिटीआंदोलन में शामिल हों ।