पति के महिला मित्रों को लेकर महिलायें अत्यधिक सशंकित व सतर्क रहती हैं। खासतौर पर वह अविवाहित हुयी या विवाहित होने पर भी बच्चे नहीं हुये तो शक, शंका के बादल घने हो कर पारिवारिक जीवन में यदा-कदा बरस जाते हैं। इसको लेकर जरा सी सावधानी, प्यार, और विश्वास के जरिये बड़ी घटनाओं को भी टाला जा सकता है।
महिला मित्र यदि आफिस की है और दोनों साथ लंच करते हैं। वह अपना लंच भी उन्हें देती है और पति उसके खाने की तारीफ करने लगें, तो होशियार हो जाइये। पुरानी कहावत है कि पुरूष के दिल का रास्ता पेट से हो कर जाता है। आप उनके टिफिन को ज्यादा स्वादिष्ट और पौषिटक बनाने में लग जाइये। लंच की अदला- बदली कम हो जायेगी और आपके चर्चे आफिस में भी होने लगेगें।
आफिस से लौटते समय यदि गपशप के लिये पति कैंटीन, बस स्टाप या कहीं रूकने लगें, तो चिंता में पड़ कर तकरार न करें, बलिक शाम को घर पर या कहीं बाहर का रोमांटिक कार्यक्रम बनाये रखें और उन्हें जल्दी बुला कर सरप्राइज दें। अपने स्वास्थ, सौंदर्य पर भी विशेष ध्यान दें। महिलायें घर परिवार की जिम्मेदारी के आगे अपने को भूल जाती हैं।
पति की मित्र बचपन की परिचित हो और घर आना-जाना हो, तो खास ध्यान दें। उन दोनों के साथ आप भी बैठें बातें करें। बीच-बीच में खाने पीने का इतंजाम करती रहें, आखिर आप घर की मालकिन भी हैं। दिमाग में किसी तरह का शक का कीड़ा न पनपने दें। महिला- पुरूष भी सिर्फ और सिर्फ मित्र हो सकते हैं।
पति-पत्नी में सबसे बढ़ कर आपसी प्यार और विश्वास ही वह बुनियाद है, जो उनके रिश्ते को मजबूत बनाती है। एक महिला को मां, बहू, बेटी सहित तमाम भूमिकायें निभानी पड़ती हैं, लेकिन उसे ध्यान रखना चाहिये कि पति, उसमें प्रेयसी व प्रेमिका भी चाहता है। इसलिये वैवाहिक जीवन के चाहे, जितने वर्ष बीत चुके हों पति-पत्नी के रिश्तों की बुनियाद इसी पर टिकी है।