आधुनिक प्रौद्योगिकी से साक्षरता दर में वृद्धि हुई है, लेकिन साथ ही साथ पुस्तक पढ़ने की आदत में भी कमी आई है। आज के युग में इ-किताबें हार्ड कवर किताबो की जगह लेती नजर आ रही है । आने वाली हमारी पीड़ी भी आज किताबो को डिजिटली पड़ना पसंद करती है पर इसके दुष्प्रभाव भी देखने को आ रहे है जैसे
- कम उम्र में आँखो का कमजोर होना
- एकाग्रता में कमी का होना
- ‘आराम’ पढ़ने के अभ्यस्त होना
- व्यस्क उम्र की किताबो तक की पहुंच होना
बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत में सुधार के लिए निम्न बातो का ध्यान रखें……..
- माता-पिता को बच्चों के साथ पढ़ने के लिए प्रयास करना चाहिए
- पठनीय सामग्री (reading material) को बच्चों को आसानी से उपलब्ध कराये
- आप अपने बच्चों के लिए आकर्षक किताबें खरीदे
- अपने बच्चों के पढ़ने साथ पढ़ने की गतिविधियों की योजना बनाये
- बच्चों को पढ़ पाने के लिए छोटी छोटी खेल रुपी गतिविधियों को प्लान करें
- किताबों की दुकान पर बच्चों को लेकर जाए
- समय सीमा में किताबें पढ़ने पर बच्चों के लिए कुछ उपहार तय करे
- अपने बच्चों को पुस्तकालय लेकर जाए
आज बच्चों में पढ़ने की कमी का कारण कुछ हद तक Apps , You Tube और Video Games है इसलिए बच्चो को टेबलेट (Tablet) के बजाये प्रिंट किताबो को पढ़ने की आदते डाले । जब प्रिंट किताबो को पढ़ने की आदत पड़ जाए तब धीरे-धीरे उन्हें कंप्यूटर (Computer) और टेबलेट (Tablet) पे किताबो को पढ़ने की छूट दे ।