“मैनआर फ्रॉम मार्स, वीमेन आर फ्रॉम वीनस” के लेखक जॉन ग्रेस की किताब हमे विपरीत सेक्स केसाथ संवाद स्थापित करने की एक बेहतर समझ प्रदान करती है
पेश है इस किताब के कुछ टिप्स जिससे आम आदमी विपरीत लिंग के एक सदस्य के साथ बेहतर संवाद कर सकते हैं या अपने संवाद को और परिष्कृत कर सकते हैं।
1. महिलाएं अपनी बात को पुरूषो से ज्यादा शब्द मे व्यक्त करतीं है -20,000 शब्दों बनाम 7000 शब्द। और यही शब्दो का अंतर संवाद मे काफी अंतर पैदा कर देता है । बेहतर संचार के लिए जरूरी है एक संतुलन कायम करने की।
2. ईमानदारी से दूसरे व्यक्ति को यह बताना की आप उनसे क्या चाहते हैं ।
3. शारीरिक संचार और शरीर की भाषा संवाद संचार के निर्माण मे बहुत मदद करती है। बेहतर संवाद स्थापित करने मे इन छोटे गैर मौखिक संकेतो से एक बड़ा फर्क पड़ता है । अतः अपने संवाद मे शरीर की भाषा संवाद का बेहद ख्याल रखें – प्रायः एक मुस्कान एक महान आइस ब्रेकर का काम करती है हमेशा दूसरे व्यक्ति के साथ बातचीत में आँखों से संपर्क बनाये रखे।
4. बहुत सारे लोग ये नहीं जानते की बातचीत को कब बंद करना है और दूसरे को कब बोलने का मौका देना है जिससे एक बेहतर संवाद स्थापित करने मे दिक्कत आती है । तो इस बात का ध्यान रखे की सामने वाले को भी अपनी बात रखने का मौका देना है।
5. दो बिपरीत लिंगों में संघर्ष के लिए सहिष्णुता अलग अलग है जैसे पुरुष स्वाभाविक रूप से सिर पर पड़े संघर्ष से निपटने के लिए रास्ता ढूढ़ते हैं जबकि महिलाएं ज्यादातर इससे बचने के लिये कुछ भी करती हैं, तो संघर्ष के दबाव में आकर बदज़बानी या अशाब्दिक संकेतों का प्रयोग करने से बचे।
6. बिपरीत लिंग के साथ संवाद स्थापित करने की दूरी का भी रखे ध्यान। एक बातचीत करने के दौरान महिलाए साइड बाय साइड होकर बात करना पसंद करती हैं जबकि पुरुष फेस टू फेस।