अक्सर मुझे डर लगता है की कही मेरे गलत विचार सही ना हो जाए और इन बातो से मेरा दिमाग काफी परेशान रहता है| ऐसा आपके साथ भी होता होगा । तो आखिरकार ये डर आता कहाँ से है ?बचपन से जवान होने तक हम ऐसे समाज मे रहते है जहाँ पर नकारात्मक विचारो का सामना ज्यादा होता है जिससे हमारा मन नकारात्मक चीजो से भर जाता है और हमारा अवचेतन मन नकारात्मक अनुभ के आधार पर कुछ निश्चित चीजों को नकारात्मक ही लेने लगता है जिसे हम डर कहते है |
हम यहाँ पर 5 ऐसे विचारो की बात कर रहे है जिससे हम अपने अंदर के डर को दूर कर सकते है ….
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- अपने उद्देश्य को समझे: यह सब शुरू होता है जब आप अपने उद्देश को समझ जाते है और उद्देश्य कुछ भी हो सकता है – एक सपना, विचार, या एक लक्ष्य । जिसको पूरा करने के लिए अपनी इच्छा और जुनून से प्रेरित होते है। आप के उद्देश्य का सहज ज्ञान आप के अंदर ऐसी ऊर्जा पैदा करता है जिससे आप के अंदर का डर गायब ही हो जाता है ऐसा इसलिए है क्योकि आपकी सकारात्मक विचार शक्ति भय के बल से मजबूत होती है । जब कभी हमारे उद्देश्य की समझ कमजोर होती है हामरा भय प्रबल हो जाता है। इस तरह एक या एक से अधिक रूपों मे भय आपकी चेतना के अंदर जगह पा जाता है। अतः अपने उद्देश्य को अपनी ज्वलंत इच्छा बनाने से डर गायब हो जाता है |
- डर को स्वीकार न करें: ऐसा कोई रास्ता नहीं है जिससे डर हमारी चेतना मे प्र्रवेश कर सके। तो फिर यह घटित कैसे होता है ? ऐसा तब होता है जब आप डर को स्वीकार करते है | डर को अस्वीकार करना आप पर निर्भर करता है । जब आप अपने डर को स्वीकार करे तो यह सोचे की अधिक से अधिक क्या बुरा होगा हमारे साथ ? मैं क्यों भयभीत हु? जब आप इस तरह से सोचते है तब आप डर से आगे की तरफ बढ़ते है और ऐसे कार्य को अमल मे लाते है की डर आपके अंदर से गायब हो जाता है|
- अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानें – अक्सर आपको अपनी ताकत,पैमाने,कौंसल और विशेषज्ञता के छेत्रो को ठीक करने का डर बना रहता है।अतः आपको अपनी कमजोरियों और शक्तियों की निजी सूची बनानी चाहिए या दूसरे शब्दों मे कहे तो आप को अपने आप को अपने खुद के पैमाने पर जांच लेना चाहिए । अब आप अपनी चुनौतियों के आगे खड़े हो जाए जहाँ पर आप को संभावित चुनौतियों का सामना करना है।अपनी इन्ही कमजोरियों के साथ अपने आप को इन छेत्रो में अपने आप को चुनौती देनी होगी तथा आप को किसी विशेषज्ञ के साथ अधिक समय बिताना होगा जो आपको आपके कमजोर क्षेत्र में बेहतर कुशल और अधिक आत्मविश्वास को विकसित करने और सशक्त बनने में मदद करेगा जिससे आप का डर दूर हो जायेगा |
- अपना लक्ष्य तय करें – डर विशेष रूप से भयानक हो सकता है यदि हमारे पास कोई दिशा या लक्ष्य ना हो । इसके लिए आपके जीवन मे कोई न कोई लक्षय होना ही चाहिए और आप का लक्ष्य विशिष्ट और प्रसंगिगक होना चाहिए | हर एक लक्षय आपके लिए एक मील का पत्थर होता है जो आप का आत्मविश्वास बढ़ता है और डर को कम करता है । आप को बड़ी और लंबी अवधि के लक्ष्यों को स्थापित करने के लिए कोई समस्या नहीं होनी चहिये| लेकिन कभी कभी लक्ष्य के साथ समस्या यह होती है कि अक्सर इस प्रक्रिया के साथ हम धैर्य खो देते हैं और संभवतः डर डरने लगता है | डर का मुकाबला करने के लिए आप को बड़े -बड़े लक्ष्य को छोटे- छोटे टुकड़ो मे निर्धारित करना चाहिए |जब आप अपनी कमजोरी और ताकत का सही अंदाजा लगा लेते है तो आप आसानी से लक्ष्य प्राप्ति की तरफ बढ़ते है और डर छु मंतर हो जाता है ।
- एक जवाबदेह साथी -आप को अपनी जिंदगी मे एक ऐसा निडर जवाबदेह साथी चाहिए जो आप को आप की गलतियों का एहसास करवा सके । आप इस बात से सहमत भी होगे की विशेष उद्देश्यों और लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए आपके पास एक जवाबदेह साथी होना ही चाहिए, यह आपके अपने डर पर काबू पाने में एक महत्वपूर्ण घटक है यह जो साथी व्यक्ति है न की आप को खुशमिजाज रखता बल्कि आपको कभी भी ल्क्ष्य से भटकने नहीं देता और न ही डर मे आप का साथ छोड़ता है । जब आप किसी का भरोसा और अनुसासन प्राप्त कर लेते है तो आप पीछे नहीं जा सकते । सभी लोगो में डर से निपटने के लिए विकल्प होते है । जब हम लक्ष्य को पाने का फैसला करते हैं, तो हम लक्ष्य को पाने के लिए प्रतिबद्ध हो जाते है ।जब हम लक्ष्य के बारे मे बात करते है तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे हम अपना डर कम करते है और यह डर पर काबू पाने का मूल घटक है |
अंत मे मैं यही कहूँगा की या तो आप अपने तरीके से अपने डर से निपट सकते है या आप ऊपर दिए गए 5 बिन्दुओ का उपयोग कर सकते है |